#सही
गर सही होती मुकम्मल मंजिले दासता ।
तो रोक लेते देके तुजे अपना वास्ता ।।
पहले तो तेरा बेपरवाह मुझसे रहना ।
पहले तो तेरा बेपरवाह मुझसे रहना ।
फिर क्यों न सही मेरा शिकायते करना ।।
गलत शायद होगा मेरा गुस्सा करना ।
गलत शायद होगा मेरा गुस्सा करना ।
पर हालत का तेरा ही क्यों पैदा करना ?
चल शुक्रिया तेरा मुजे गलत दर्ज कराना ।
चल शुक्रिया तेरा मुजे गलत दर्ज कराना
लेकिन बात क्या सही है तेरा हर्ज कराना ।।
एक तू ही सही हो हरबार ये कहना तेरा ।
एक तू ही सही हो हरबार ये कहना तेरा ।
बया कर वो बात गर गलत हो इरादा मेरा ।।
हा "भावु " फिर बात से होगी सहमत तेरी ।
खुदा के वास्ते यू सही नही है सताना तेरा ।।