"सुबह का भूला यदि शाम को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते"। आज इस कहावत को उन्नयन करने का समय आ गया है। तो कुछ यूं कहा जाए कि-
"सुबह से याद रखकर शाम तक घर में रहने वाले को,भूला नहीं कहते"।
"IF U WANT TO DEFEAT #coronavirus then DON'T STEP OUT FRM UR "DOOR - SILL"!
#Covid_19
- Abhishek Sharma