#Freedom
#आजादी
हमने ले ली आजादी गुलामी से अंग्रेजों से और अब एक स्वतंत्र देश में सांस ले रहे हैं।
पर क्या वास्तव में हम हर प्रकार से आजाद हैं? आजादी तो एक सतत प्रक्रिया है जो ताउम्र चलता है।
आजादी लेनी चाहिए उन कुंठाओ से जो हम मन में विषधर साँप की तरह पालते रहते हैं । आजादी लेनी चाहिए उन नकारात्मक दृष्टिकोण से जो हमें पल पल दिग्भ्रमित करती है। वैचारिक आजादी भी आवश्यक है अलबत्ता वह एक आजाद मुल्क के कानूनों की परिधि में हो। आज के समय में हमें आजादी लेनी चाहिए उन संकीर्णताओं से जो धर्म मज़हब की दीवार बनाती है।