आज तक रुके हुये थे जो लब्ज़ …
आज कुछ बिखरने लगे है यू ।
किसीके आने का संकेत है …
या किसीके जाने का गम ।
ये केसा असर हुआ है आज दिल मे ;
आँख भरी हुई है और लब्ज़ ख़ामोश।
हल चल मच रही है ;
आंधी सी उठ रही है ;
शायद ये वही असर है ।
जो आज तक दिल मे दबा हुआ था ।
Dr.Divya