**तू साथ नहीं फिर भी **
तू साथ नहीं फिर भी
तेरे अहसास बाक़ी हैं
गुज़ारे जो साथ हमने
वो लम्हात बाक़ी हैं
खो गया आज वज़ूद
मेरा तुझमें ही डूबके
तुम ही तुम हो हर सू
तेरे निशानात बाक़ी हैं
आये जो ज़िन्दगी में
तुम दुनिया ही बदल गई
धुलि सँवरी महकी
उजली वो रात बाक़ी है
लपकते हैं शोले अक्सर
ज़हन में तेरी यादों के
वरना तो इक बुझी शमा
हूँ बस राख़ बाक़ी हैं।
ज्योत्स्ना!