नारी
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नारी तू नारायणी,
तेरे गर्भ में दुनिया पली,
तू जीवन का आधार स्तंभ ,
तेरे बिना नहीं जीवन सम्भव
तू ही जीवन दायनी,
तेरे दम से दुनियाँ टिकी
कोमलता तुझमें ऎसी,
फूलों में भी न हो वैसी
शीतलता तुझमें ऐसी
चाँद में भी न हो वैसी
तेरे ममता की छाया
इसका पार न कोई पाया।
Uma vaishnav
मौलिक और स्वरचित