जिंदगी नाम है ,मुझे तुझ पर अभिमान है ।
जो सह जाऊँ तेरे हर सितम ,तो खुद पर अभिमान है ।
रह रह कर तुने जो दिल पर दी है चोट ,
उसे तेरा आशीर्वाद समझ कर रखा है मैंने कोष ।
जो मेरे आदर सत्कार में है खोट ,
तब तुम मुझसे रूठ ।
देदे मेरी झोली में कुछ पल खुशी के कुल ,
तो मैं भी कह दूं जिंदगी तेरा नाम है !