दोस्तो.. .दिमाग सदा रूढ़िवादी होता है .हृदय सदा नूतन फूल खिलाता है। दिमाग के पास अतीत के सिवा कुछ नहीं होता। जो भी अनुभव हो दिमाग का भूतकाल बन जाता है।मस्तिष्क जीता है अतीत मे। जिससे भावी की सोच उसे डराती है। हृदय सदा नूतन की ओर छलांगे लगाने को तैयार रेहता है ....