भगवान भोलेनाथ को देवों के देव महादेव कहे जाते हैं। पुराणों में उल्लेख है कि जब ब्रह्माण की संपूर्ण शक्ति या सारे देवता हार मान जाते हैं तो भोले बाबा ही उसका उपाय सुझाते हैं। शिवजी की आराधना बड़ी ही लाभकारी है। पुराणों में यहां तक उल्लेख है कि एक लोटा जल चढ़ाने मात्र से भोलेबाबा प्रसन्न हो जाते हैं और मनवांछित फल देते हैं। भगवान शिव शाम प्रकृति एवं रुद्रों के लिए भी जाने जाते हैं। देवताओं में शिवजी को एकदम अलग पाया गया है। सृष्टि की उत्पत्ति स्थिति एवं संहार के भी यह आधिपति कहे गए हैं। शिव अनादि तथा सृष्टि प्रक्रिया के आदेश कर्ता हैं। ये कालों के काल महाकाल
इन्हें देवों का देव महादेव भी कहा जाता है। शिवजी की आराधना का मूल मंत्र तो नम: शिवाय ही है। लेकिन इस मंत्र के अतिरिक्त भी कुछ मंत्र हैं जिनसे भगवान शिव बेहद प्रसन्न हो जाते हैं।
ज्योतिष शास्त्र में कुछ ऐसे शिव मंत्र बताए गए हैं जिनके उच्चारण से हमारे जीवन की कई बाधाएं व बीमारियों का खात्मा हो सकता है। साथ ही इन मंत्रों का रोज़ाना जाप करने वाले जातक के अंदर से हर तरह की नकारात्मक ऊर्जा का नाश हो जाता है और वह जीवन के जन्म और मृत्यु के चक्कर से हमेशा हमेशा के लिए छूट जाता है। तो चलिए जानतें हैं ये मंत्र-
सबसे पहला जो मंत्र हम आपको बताने वाले हैं उसके बारे में पता तो सबको होगा लेकिन इस मंत्र में कितनी ताकत है ये किसी को नहीं पता होगा।
“ॐ नम: शिवाय”
इस मंत्र के बारे में सब जानते हैं लेकिन बहुत कम लोग जानते होंगे कि कुछ ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार इस मंत्र को सही नहीं माना जाता है।
सही मंत्र है-
नम: शिवाय
ज्योतिष विद्वानों के अनुसार ये भगवान शंकर का पंचक्षारी मंत्र है। अगर हम इसके साथ “ॐ ” लगाते हैं तो पांच अक्षर का न होकर छे का हो जाता है। इसलिए कहा जाता इस मंत्र का जाप हमेशा नमः शिवाय बोलकर ही करना चाहिए। बता दें इसका अर्थ है कि हम अपना मस्तक झुकाते हुए और उन्हें प्रणाम करते हैं। कहा जाता है रोज़ाना इस का 108 बार जाप करने से आत्मा शुद्ध होती है।
दूसरा मंत्र है-
ॐ नमोः भगवते रुद्राय
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार इस मंत्र का उच्चारण अपनी इच्छाओं के पूरा करने के लिए किया जाता है।
तीसरा है रूद्र गायत्री मंत्र-
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो
वैसे तो हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार गायत्री मंत्र को सबसे शक्तिशाली माना जाता है। परंतु बता दें रूद्र गायत्री मंत्र को भी इतना ही शक्तिशाली माना जाता है। कहा जाता है यह एक मंत्र कुल 11 मंत्र का संग्रह माना जाता है, जो भगवान शिव के विभिन्न रूपों की पूजा करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। तो अगर इस श्रावण आप इन मंत्रों का उच्चारण करते हैं तो आप भोलेनाथ की कृपा के भागी ज़रूर बनेंगे। सभी भक्तों जयकारा लगाये..हर हर महादेव जय महाकाल भोलेनाथ शंकर शंभू ....आज आपका शुभ दिन सोमवार है ... ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़