कार्येषु मन्त्री करणेषु दासी,भोज्येषु माता शयनेषु रम्भा ।
धर्मानुकूला क्षमया धरित्री ,भार्या च षाड्गुण्यवतीह दुर्लभा ॥
कार्य प्रसंग में मंत्री,
गृहकार्य में दासी,
भोजन कराते वक्त माता,
रति प्रसंग में रंभा,
धर्म में सानुकुल,
क्षमा करने में धरित्री,
इन छे गुणों से युक्त पत्नी मिलना दुर्लभ है ।