तुम को इश्क़ हमारा पसंद नही ,
चलो ,अब ये इश्क़ अब तुमारा नही ।
न आएगा किस पर अब ये दुबारा ,
ज़लील होना इसको ग़वारा नही ।
बड़ी अकड़ दिखती है तुज में ओर तेरी खूबसूरती में ,
आज से आंख का दीदार सब पर तुमारा नही ।
कुछ भी नही सिर्फ इश्क़ ही तो मांगा था तुमसे ,
खैर ,अब तो ध्यान से भी ध्यान तुमारा नही ।
खुशियों से दामन भरने आये थे जोली लेकर तेरे वास्ते ,
अब तो एक हँसी का एक छोटा सा भी कतरा तुमारा नही ।
फर्क नही पड़ता तुम को तो न सही ,ढंग से भूल जाओ,
पर सूरत बदल दो या सीरत अब ये "हृदय " तुमारा नही