सभी दोस्तों साथियों शुभ संध्या सोमवार शुभ संध्या सोमवार दोस्त मित्र साथियों आप सभी को लोहड़ी शुभ लोहड़ी का यह त्यौहार.
लोहड़ी का त्योहार हर साल सूर्य के मकर राशि में आने के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। सूर्य जिस दिन मकर राशि में प्रवेश करने वाले होते हैं उस दिन से ठीक एक दिन पहले देश के कई हिस्सों में बड़े ही आनंद और उल्लास से लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है। आमतौर पर मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाया जाता है इसलिए लोहड़ी का त्योहार 13 जनवरी को मनाया जाता है। लेकिन बीते कुछ वर्षों में सूर्य ने मकर राशि में प्रवेश का समय बढ़ाना शुरू कर दिया है इसलिए मकर संक्रांति और लोहड़ी की तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति बन जाती है। तो बता दें कि इस बार लोहड़ी 14 को है लेकिन कहीं-कहीं लोग 13 जनवरी को भी मना रहे हैं। इसकी वजह यह है कि पारंपरिक रूप से यह 13 जनवरी को मनायी जाती रही है।
ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस वर्ष सूर्य का मकर राशि में आगमन 14 तारीख की मध्य रात्रि में 2 बजकर 7 मिनट पर होने जा रहा है।] ऐसे में मकर संक्रांति का त्योहार 15 जनवरी को पूरे देश में मनाया जाएगा जबकि लोहड़ी पर्व 13 जनवरी को पारंपरिक तरीकों के साथ मनाया जाता है।
लोहड़ी पूजन का शुभ मुहूर्त शाम में 5 बजकर 45 मिनट के बाद रहेगा क्योंकि शाम में 4 बजकर 26 मिनट के बाद से 5 बजकर 45 मिनट तक रोग काल रहेगा। लोहड़ी पर्व मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और जम्मू कश्मीर में माना जाता है। इसकी तैयारी लोहड़ी से कुछ दिन पहले से ही शुरू हो जाती है। लोहड़ी में मूंगफली, गुड़, तिल और गजक का विशेष भाव माना जाता है।
सुंदरी और मुंदरी की कहानी
इस त्योहार में शाम के समय खुली जगह पर लोहड़ी जलाई जाती है। इस पवित्र अग्नि में मूंगफली, गजक, तिल, मक्का डालते हुए अग्नि की परिक्रमा की जाती है। लोग इस अग्नि के पास लोकगीत गाते हुए उत्सव मनाते हैं। यह अग्नि रजला भट्टी की याद दिलाती है जिसने जंगल में आग जलाकर सुंदरी और मुंदरी नाम की दो गरीब लड़कियों की शादी करवायी थी। ऋतु परिवर्तन से जुड़े लोहड़ी का त्योहार शीत ऋतु के जाने और वसंत ऋतु के आगमन के तौर पर भी मनाया जाता है।
ऐसे मनाते हैं लोहड़ी
लोहड़ी की अग्नि में रबी की फसलों (जौ, चना, मसूर, सरसों, गेहूं, मटर, मक्का) को अर्पित किया जाता है। पंजाब में फसलों की कटाई शुरू होती है। भगवान को न्यू फसल का भोग लगाकर पूरे साल के लिए भगवान से धन और संपुटनता की प्रार्थना की जाती है। महिलाएं, पुरुष और बेंचे सभी पवित्र अग्नि के चारों ओर नृत्य करते हुए लोकगीत और भजन गाते हैं। लोहड़ी की रात को सबसे सर्द और सबसे लंबी रात माना जाता है।
शुभ रात्रि वंदन सोमवार संपूर्ण विवरण प्रस्तुत किया आपके दोस्त मित्र साथी ब्रह्मदत्त त्यागी के द्वारा.... लेख के अंत में आप सभी को लोहड़ी एवं मकर सक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं ब्रह्मदत्त