एक दिन यही नोबत आएगी,
कब तक भटकोगे,
एक दिन अपनी आत्मा को
जवाब देना पड़ेगा।
जी भर गया हो तमाशों से
अगर तो चले अपने घर
एक दिन जिंदगी चिल्लाएगी
कब तक मुझे भटकाओगे,
अब बस भी करो
अब अपनी उर्ध्वगती की सोचो।
एक दिन ईश्वर कहेगा
कब तक मुझे विस्मृत करोगे,
अब बस भी करो
अब क़यामत में जवाब देने की सोचो।
रूह पूछती है मुझे अक्सर ,
अगर जी भर गया हो तमासो से,
तो चले अपने घर।