दो नैन, इसमें सपने दो हजार और उसे पूरा करने का जुनून दो लाख गुना,
मंजिल पाने का लक्ष्य है मेरा, हैसियत कमाना नहीं,
क्योंकि हैसियत का तो क्या हैं, आज है तो कल नहीं भी होगी,
जी हां, लोग मेरा साहस तोड़ सकते हैं,
लेकिन मेरा हौसला-ए-जूनुनियत नहीं,
लोग भले ही करें लाख कोशिशें मुझे हराने की,
पर मुझे हारना नहीं, जीतना है,
और कभी निष्फल हो भी गई तो क्या?
निष्फल वह होते हैं जो सफल होने का प्रयास करते है!