यूं मुंह न फेरो राधा
कृष्ण तुम बिन आधा
तुमसे मेरे बांसुरी की तान
तुमसे मेरे अधरों की शान
तुमसे मेरे चेहरे की बान
तुमसे ही मेरे ब्रज की शान
यूं मुँह न फेरो राधा
कृष्ण तुम बिन आधा
तुमसे मेरा गीत है
तुमसे मेरी जीत है
तुमसे मेरी प्रीत है
तुमसे ही मेरा संगीत है
यूं मुँह न फेरो राधा
कृष्ण तुम बिन आधा
जहां कृष्ण वहां राधा
तुम बिन सब रहेगा आधा
कृष्ण का है, आज यह वादा
कृष्ण नहीं रहेगा बिन राधा
यूँ मुँह न फेरो राधा
कृष्ण तुम बिन आधा
तनहा-तनहा सा हर पल
देता मुझको तेरा एहसास
तुमसे बेहतर कुछ भी नहीं मेरे पास
तुम ही मेरी आस, तुम ही मेरी सांस
यूं मुंह न फेरो राधा
कृष्ण तुम बिन आधा