"कुछ"
जो अशेष है
वो हमेशा बचा रहेगा
तब भी जब तुम भी नहीं बचोगे
'कुछ' जो विशेष है
वो वही विशिष्ट है जिसे तुम हमेशा से बचाना चाहते हो
ये 'कुछ' का होना
दरअसल जीवन पर तुम्हारे अस्तित्व का सूद है
जो हमेशा तुम्हारे अंदर बाकी रहेगा
और इस कुछ में 'तुम' हमेशा बाकी रहोगे