आइये बंद करलें दरवाजे,
रात सपने चुरा ना
ले जाए
कोई झोंका हवा का आवारा,
दिल की बातों को उड़ा
ना ले जाये
और आहिस्ता कीजिये बातें,धड़कने कोई सुन रहा होगा
लफ्ज़ गिरने ना पाए होठों से,वक़्त के हाथ इनको चुन लेंगे
कान रखते हैं ये दरो-दीवार,राज़ की सारी बात सुन लेंगे