जिन्दगी का समंदर,
किसी को हसीन लगता हैं,
किसी को नमकीन ।
किसी को तैरना कठिन लगता हैं,
किसी को नामुमकिन,
जिन्दगी की लहरें कभी कभी इनसान को डूबा देती हैं,तो कभी कभी उपर भी उठा देती हैं,
इतनी उचाई पर पहुंचा देतीहै कि, वहां से समंदर दिखाई भी न दे।
सही मानें मे जिन्दगी ही समंदर बन जाती हैं।
"गीता"