इन्तज़ार ए आलम, क्या पाया है,
अश्कों भीगा हाल ,खूद कमाया है ।।
दर्द ए अलम , जिंदगी है तन्हाईयां,
बीरहाना हाल ए दिल, ही पाया है ।।
फितरत है , मर मीट जाना जिंदगी,
हौसला क्यु कम दिल आजमाया है।।
दरअसल हयाति ही , बच गई कैसे,
बेहयात आपको जिंदगी में पाया है।।
उफ़ ! ना निकले आनंद दिलसे कभी,
हस्ति ओर कस्ति ,करीब ही पाया है ।।