हर कदम महेफूस रखीए, दर अदा महेफूस रखीए
मिलेगी मंजिल मुक्कदर मे ,ईतमीनान बस रखीए
शौक से गुजारिए , हसीन लम्हों को खेल समजकर
जिंदीदिली से बरकरार, बस ईतमीनान बस रखीए
होनहार है मौसम, अपना रंग जमाए हुए है यहाँ पर
दिल होगा बसंत बहार, बस ईतमीनान बस रखीए
मौज़ मस्त फकीरी, ना चाहत की राहत माँगती जहाँ
होगी बलाए सब फरार, बस ईतमीनान बस रखीए
नादाँन हे दिल ए यार, गुजर जाता है हद से बेहद
रखना है दिल पर मदार , बस ईतमीनान बस रखीए
===============================