हर पल हर साँस में ,हर जगह इम्तिहान है
तुतु मैमै , दुनियादारी मैं , रुह की इम्तिहान है
त्याग नही जहाँ, ममता की मुरत नही होती है
ममत्व में , मेरा छुटना , मैंपने की इम्तिहान है
महोबत दिल में जगाना ,जीस्म हाल जमाना
रुह रुहानियत में मिलाना ,रुहानी इम्तिहान है
स्वार्थ से सजाया , रंगमहल खुबसुरत यहाँ
दान धर्म मेंं हाथ बढाना, स्वार्थी कीइम्तिहान है
कुचे से कब्र तक ही , सफर है कैसा मिजाज ?
नूर ए नजर. लहद पाना , ईबादत इम्तिहान है