एक बार तो आजा की जी भर के तुझे प्यार करूँ
ए दिल तेरे नाम करूँ ए जां भी तुझपे निसार करूँ।।
अंगुलियाँ पकड़ के पहले हाथ तेरा पकड़ लूँ मैं
धीरे धीरे तेरी धड़कनों पर कब्जा अपना कर लूँ मैं
तेरे मखमली बदन को छू के अरमाँ पूरे हजार करूँ।।
एक बार तो आजा की जी भर के तुझे प्यार करूँ।।
रात हो अंधेरी घनी औ शमां हो मदहोश सा
काली घनी जुल्फें लहरा फ़िजा कर खामोश सा
रात की सियाही में नज़रें तुझसे चार करूँ।।
एक बार तो आजा की जी भर के तुझे प्यार करूँ।।
अरमां मेरे तुझसे भी तो मैं भी चाहूँ तेरा प्यार
तू ही मेरी दुनिया औ तू ही मेरा संसार
हाथ में तेरा हाथ लेकर फरमाइशें हजार करूँ।।
एक बार तो आजा की जी भर के तुझे प्यार करूँ।।
दो ज़िस्म एक जान बनके जिएं और मरेंगे साथ
चाहे दुनिया छोड़ भी दें न छोड़ेंगे एकदूजे का साथ
तेरे मेरे बीच के ए फासले बेकार करूँ।।
एक बार तो आजा की जी भर के तुझे प्यार करूँ।।
ए दिल तेरे नाम करूँ ए जां भी तुझपे निसार करूँ।।