दुआ
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दिल से मेरी यह दुआ दोस्ताना है,
मिले किसीको, कोई जो अंजाना है;
मिले सुकुन ओ शोहरत, गजब की,
मिले लाजवाब महोबत ,खजाना है;
मिले किसीको, नाम-बेनाम जिंदगी,
गुमनाम हुनर होनहार,जो मन माना है;
मिले पैगाम ए हकीकी इतमीनान से,
कैफियत नूरानी हाल,जो दिलोजान है;
आनंद को तो मौज है , अपनी फकीरी,
रुहानी आलम हुश्न ओ हाल दिवाना है;
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