ढेर सी बातें
यादों में किस्से
मुहब्बत के नग्में और पिज्ज़े के हिस्से
चाय की ठिठोली पर
शर्माता बिस्किट
यारों की टोली
और लम्बी सी गाॅशिप
होंठ के तिल पर झुकती वो नज़रें
बालों का उड़ना वो काजल बिखरना
चश्में का कानों में खुशफुस्स करना
दिन की रात से
रात की दिन से मुहब्बत
कुछ ऐसी
तेरी उंगलियों में फँसी
मेरी उंगलियों जैसी
कभी मैं तेरा धुआँ कभी मैं तेरी चिलम
कभी तू मेरी कविता कभी तू मेरी कलम
कभी हम संग संग कभी आगे पीछे
यादों के पहिये जीवन घसीटे
इतना सा साथ इतनी कहानी
हमने जो सीखी हमने जो जानी
#pranjali ...