जिंदगी ज़रा बीछडती ,जा रही है,
महेकती हुई वोह , यादें जा रही है।।
फ़ुरसत नहीं, शोच समझदारी नहीं,
धूधली सी धूंआ , जैसी जा रही है।।
दावतें याद आ रही है, अदावते भी,
अपने आपमें उलझती जा रही है।।
अंदाज शायराना, चाहत रंगीनियां,
बदलती करवटें , बदलती जा रही है।।
मौज ए दिल दरिया, अंदाज हुश्नका,
दिलसे चुराकर चैन ,सुकुन जा रही है।।
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