कत्ल ए आम, हुं जिंदगी, हर लफ्ज़ में,
मगर मरहमी अंदाज , शायराना जिंदगी;
गजब है उफान पर, लहराते हुए नज़्म,
शोर गुल दिल में ,खास अल्फ़ाज़ जिंदगी;
बे- नूर तो नहीं है , आशियाना मेरा मगर,
नूरानी नजर अंदाज़ मुझ पर खास जिंदगी;
वक्त के सारे में , बांधकर, चला अजनबी,
अपने आपमें अन्जान, विश्वास है जिंदगी;
होश में कहां हुं, बेखुदीमें जी रहा हर पल,
हाल ए दिल हुश्न मालामाल है यहां जिंदगी;
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