मेरी डायरी
किसी का भी प्यार यू बदनाम न होता, अगर दुनिया में ये समाज न होता।
न टूटता किसी का दिल , न कोई दर्द से रोता , अगर दुनिया में ये समाज न होता।
न होते फासले जात - पात के यहा , न धर्म के नाम पर कोई मजबुर होता, अगर दुनिया में ये समाज न होता।
न जाने होती पूरी कितनी कहानियां , और कितनो के में सुकून होता, अगर दुनिया में ये समाज न होता।
किसी का भी प्यार यू बदनाम न होता, अगर दुनिया में ये समाज न होता।