मे तो दौड़ता ही रहूँगा.. l
मे तो भागता ही रहूँगा . l
करनेको.. हासिल.. जहाँ......
समय से पहले निकल ने को
बड़ी.. बखूबी.. समय चुराऊँगा.. l
होती है.. छोटी छोटी खुशियाँ भी कुरबान... l
रिश्ते का तो यहाँ.. होजाता है बलिदान..
.... तो क्या हुआ.अगर ना . मिले ये साथ सुहाना
मे तो दौड़ता ही रहूँगा.. l
.मे तो भागता ही रहूँगा... l
न सुबह की पहोर देखी..
न सूरज की लाली देखी..
न बच्चे की.. किलकारियां देखी...
तो क्या हुआ..न . दोस्तों की यारी देखी....
.मे तो दौड़ता ही रहूँगा..l
मे तो भागता ही रहूँगा l
सांज ढले.. पिपल तले..
न चहल पहल.. दोस्ती की.. l
न शाम मस्ती की.... l
बड़ी बुरी हालत होरही है.. मेरी बस्ती की.. l
तो क्या हुआ अगर ना.. मिले.. ये..., ये.. तो सब है बड़ी मुफ्त सी.. l
मे तो दौड़ता ही रहूँगा.. l
मे तो भागता ही रहूँगा.. l