*पाने को कुछ नहीं,ले जाने को कुछ नहीं;*
*उड़ जाएंगे एक दिन,तस्वीर से रंगों की तरह!*
*हम वक्त की टहनी पर बैठे हैं परिंदों की तरह !!*
*खटखटाते रहिए दरवाजा एक दूसरे के मन का;*
*मुलाकातें ना सही,आहटें आती रहनी चाहिए !!*
*ना राज़ है “ज़िन्दगी” ना नाराज़ है “ज़िन्दगी";*
*बस जो है, वो आज है “ज़िन्दगी”*
*सदा मुस्कराते रहिए*
जय सियाराम जी
?? *...सुप्रभात...* ??