माना हम बाकी लोगों की तरह हर रोज़ नहीं मिलते ,रोज़ फोन पर भी बात नहीं करते । पर फिर भी तुमको सब पता होता है , माना शहर अलग है घर अलग है पर फिर भी तुम और मैं ना जाने किस डोर से बंधे है । जितना एक बहन बहन का ध्यान रखती है उतना ही तुम मेरा रखती हो ,भगवान से जितना भी शुक्रिया करू उतना है कम की आज भी हम एक है ।ज़िन्दगी में कितनी भी कठिनाई आइ कितने लोग अलग हुए हमसे पर आज भी हम दोस्त है ।