✍️मुट्ठी में दुनिया_____
मोबाइल से मूक हुए संवाद,
मैसेज पर ही सारी बात, खुशी की चाबी खो गई।
संबंधों में नहीं वो बात,
खोखले हुए अपनेपन के, सूत्र की चाबी खो गई।
बचपन में धौल जमाते,
यार की अधिकार वाली, यारी की वो बात खो गई,
करवटें बदलते पतिपत्नी,
उनके बीच प्यार भरी छुअन, की कहानी खो गई।
सब कुछ हुआ, इंटरनेट से,
अच्छा भी बुरा भी, कमरे में बंद जिंदगानी हो गई।
पासवर्ड भूले अपनेपन के,
महसूस कर सकें, उन जज्बातों की चाबी खो गई।
मुठ्ठी में है सारी दुनिया
दुनिया में नहीं कोई अपना, ये दुनिया वीरानी हो गई।
MV