Hindi Quote in Story by Prabodh Kumar Govil

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विक्रम और वेताल
एक किसान खेत में काम कर रहा था। तभी उसने देखा कि खेत के किनारे बैठे उसके दस वर्षीय बेटे के पास कहीं से भटकता हुआ एक शेर का छोटा सा बच्चा आ गया। किसान घबराया किन्तु लड़के ने शेर के बच्चे को गोद में उठा लिया। बच्चा प्यार से उसका हाथ चाटने लगा। शाम को दोनों उसे अपने साथ घर ले आए।
लड़के ने शेर के बच्चे को पाल लिया। अब वो रोज़ उसे घुमाता, उसके साथ खेलता और खुश होता।
कुछ दिन बाद जब बच्चा बड़ा होने लगा तो किसान को डर लगा कि ये कहीं हिंसक होकर गांव में कोई परेशानी खड़ी न कर दे। उसे खिलाना पिलाना भी अब मंहगा पड़ने लगा।
लोगों ने किसान को राय दी कि इसे राजा को दे दो। राजमहल में इसका लालन - पालन भी हो जाएगा। किसान लड़के को साथ लेकर गया और पूरी बात बता कर उस युवा होते शेर को राजा को सौंप दिया।
राजा खुश हुआ।
राजा ने अब अपने दरबारियों से कहा कि महल में हमसे बड़ी मूंछें किसी की नहीं हो सकतीं, लिहाज़ा शेर की मूंछें काट दी गईं।
एक दिन राजा ने कहा- इसके चलने से पैर के नाखूनों से पक्के फर्श पर भद्दी आवाज़ आती है। अतः शेर के नाखून भी काट दिए गए।
फ़िर राजा बोला- ये अपना भोजन इस तरह काट काट कर चबाता है कि मुंह से अजीब सी आवाज़ आती है।शेर के दांत भी काट दिए गए।
राजा ने शिकायत की- देखो इसके बाल किस तरह झड़ते रहते हैं, गंदगी होती है।
शेर के बाल भी काट दिए गए।
शाम को घूमने पर राजा ने कहा- ये शेर साथ में इधर उधर भागता है, जिससे लोग डरते हैं।
दरबारियों ने उसके गले में पट्टा डाल दिया।
राजा को शिकायत थी कि शेर की आंखें कितनी खूंखार और डरावनी हैं।
दरबारियों ने शेर को काला चश्मा पहना दिया।
एक दिन किसान के लड़के को शेर की याद आयी। वह शेर को देखने राजमहल में चला आया।
जैसे ही शेर लड़के के सामने आया, वह लड़के को देखकर खुशी से चिल्ला उठा- ही ही ही ही...
इतनी कहानी सुना कर वेताल ने विक्रमादित्य से कहा- राजन,शेर तो दहाड़ता है,पर राजा का वो पालतू शेर दहाड़ने की जगह हीही करके हंसा क्यों? यदि इस प्रश्न का उत्तर तुमने जानते हुए भी नहीं दिया तो तुम्हारा सिर टुकड़े टुकड़े हो जाएगा।
विक्रम ने कहा- शेर राजा के महल में रहता था। वो हमेशा राजा के दरबारियों को राजा के सामने ऐसे ही बोलते हुए सुनता था, इसलिए उसे और कुछ आता ही न था। अतः अपने मित्र किसान के लड़के को देखकर उसने अपनी खुशी ऐसे ही जाहिर की।
इस प्रकार विक्रम का मौन भंग होते ही वेताल उड़ कर जंगल में अदृश्य हो गया।

Hindi Story by Prabodh Kumar Govil : 111218939
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