तुम्हे इतना चाहूँ, उतना चाहुँ न कुछ और भी
नजर मुझे कर दे मेरे हिस्से का प्यार ही।
जो दिल में उज़ाला कर दे,
वो दिया तु जला दे।
मेरे इस आरजु को आज तु पुरी कर दे।
सदियों से तुम्हे चाहुँ ये खुदा जानता है।
पुछ अपने दिल से वो मुझे पहचानता है।
तु ये न मानती क्युँ तेरी मंजिल मैं हुँ।
यकीन कर सनम,
मैं वही हुँ, वही हुँ।