ये धोनी का रनआउट नहीं जिंदगी की सच्चाई है..बस कुछ और दुर जाना है..बस ईतना काम खत्म करना है..बस ईतना रुपया जमा हो जाए तो जिंदगी के लिए काफी है..क्रिज और बेट का जितना फाँसला है बस उतना ही हमारी उम्मीद और जिंदगी के बीच का फाँसला है..कुछ लोगों का रन फिनीश हो जाता है...लेकिन ज्यादातर लोग रनआउट हो जाते हैं...शुभ संध्या जी