आज कुछ अनूठा, कुछ अद्वितीय कुछ अच्छा तुम्हारी प्रतीक्षा कर रहा है वह तुम्हारे करीब है इसे दिन-भर बार-बार स्मरण रखने की लगातार कोशिश करने से पाओगे कि तुम्हारा पूरा वर्तुल, पूरा ढंग, पूरी तरंगें बदल गई हैं और तुम दिब्यता को प्राप्त हो रहे हैं आपकी कल्पना में ही सकारात्मक स्रोत छिपा है इसी स्रोत से उन्नति निकलती है।
शिव भरोस तिवारी 'हमदर्द'