आज सुबह!
बड़ी दुआओं से एक
बादल को बुलाया मैंने,
छत पे आहिस्ता से उतारा मैंने!
कुछ गीला गीला सा
कुछ सूखा सूखा सा
मैंने पूछा
कब आओगे अपने साथियों संग
कब जमेगा बारिश का रंग
वो फफकते हुए बोला
कुछ कटे हुए पेड़ों की बददुआ है,वरना
बादल तो बरसने के लिए ही पैदा हुआ है...
Save trees..???