उजाला मन से होता है नाकी अंधेरों से , कितनी भी गलतियां निकाल लो पर एक अच्छाई दिलो को पास ले ही आती है । मंदिर मैं भी सिर्फ उस की ही इबादत कबूल होती है जो दूसरे के सजदे मैं सर झुकाता है । मन से सारी कालिक निकाल लो , दूसरे को समझने की जगह दो । तभी तो उस रब के मन में आपको जगह मिलेगी ।