हरिनाम स्मरण ही हमारा कल्याणप्रद मंत्र है! Good morning ! मच्छिंद्र माळी औरंगाबाद .
एक एक कदम मौत आगे बढ़ रही
एक एक साँस खर्च हो रही
हम रोज किसी न किसी की अर्थी उठते देखते हैं
फिर भी भूले बैठे हैं कि हमारा नंबर भी आ ही रहा है
जिस काम के लिए मनुष्य जन्म पाया
वह काम तो हमने किया ही नही
जो साथ जाएगा वो तो कमाया ही नही
कभी उस रूह के बारे में सोचा जो परमात्मा से बिछड़ी है
जन्मो जन्मो से इस जामे से उस जामे भटक रही है
अब अगर मौका मिला है सद्गुरु का साथ मिला है
क्यों न वो काम भी कर लें
सिर्फ भजन सिमरन ही तो ऐड करना है
नौकरी करते रहो बिज़नस करते रहो स्कूल कॉलेज जाते रहो घर गृहस्थी सँभालते रहो
उठते बैठते उस मालिक को याद करना है
भजन सिमरन भजन सिमरन
पर इस छोटी सी बात ने आपजी की तकदीर बदल देनी है तस्वीर बदल देनी है
जरूरत है विश्वास की भरोसे की
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