माँ दिवस पर माँ को सादर समर्पित
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माँ
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माँ की ममता जगत में,होती है अनमोल
जन्नत चरणों में बसे,समझें माँ का मोल
हो सुखी माँ जिस घर में,वह घर स्वर्ग समान
उसकी बस इक लालसा,रहे सुखी संतान
बच्चों की सब गलतियां,करती पल में माफ
सबकी चिंता सिर धरे,दिल रख अपना साफ
करें कदर माँ की सदा,वह ईश्वर अवतार
मां से सब रिश्ते बनें,मां से है परिवार
घर की रौनक भी वही,उससे हर त्योहार
मां की महिमा समझिये,माँ देवी अवतार
माँ से ही ममता बनी,मां से बना प्यार
करुणा की सागर वही,करती दया अपार
जीवन भर देती रही,अपना प्रेम दुलार
पर हम क्या लौटा रहे,इस पर करें विचार
मां की दुआएं हों सदा,जब जीवन में साथ
सदा उसका समाज में,होता ऊंचा माथ
मां ही मेरी ज़मीं है,है वही आसमान
मां ही खुदा,मां यीशू, मां ही है भगवान
जब भी हमें चोट लगे,मां को हो तकलीफ
साथ मुसीबत में खड़ी,मां सा नहीं शरीफ
मां की सेवा जो करे,समझें उसे सपूत
मां ही है इस जहां में,ईश्वर का सच दूत
परिवार की खुशी जिसे,देती सदा शुकून
जिस घर में सपूत रहें,खुशियां होती दून
मां की गहरी परख का,कोई नहीं जबाब
दर्द चेहरे का पढ़े, लाख छिपाएं जनाब
मां की गोदी में मिले,दुनिया का सुख चैन
मां का शुभाशीष सतत,मिले हमें दिन रैन
मां के मीठे बोल से,विपदा जाते भूल
चरणों में जन्नत बसे,मां ही जग का मूल
मां जनक संस्कार की,अनुपम मां का प्यार
मां जेठ की धूप तले,शीतल सुखद बयार
स्वारथ बिन सेवा करे,भर नैनों में नीर
मां चरण"संतोष"मिले,मां हरती सब पीर
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@संतोष नेमा "संतोष"