अंधेरा भी छुपा होगा कहीं तो रोशनी में भी
जरा देखो मिलावट हो रही है आशिकी में भी
खुदा करता हमेशा है भलाई के लिए ही तो
कि कुछ तो खूबसूरत राज होगा इस कमी में भी
हवाओं में उड़ाने भर रहे हैं जो जरा सुन लो
अलग अहसास रहता है हमारी इस जमी में भी
by Dil ka shayar/ पैग़ाम