चाय के बहाने बढ़ती मुलाकातें
वो चाय की चुस्की और ढेरों बातें
जब चाय में दोनों बिस्कुट डुबाते
तुम्हारी सुनते और अपनी बताते
हम आज भी जब कभी आपकी तरफ आते हैं
वाहः ताज जैसी यादगार जगह पे जरूर जाते हैं
बेशक आप साथ नही होते फिर भी चाय दो ही
मंगवाते हैं
खैर छोड़ो अब क्या जिक्र करना उन बातों का चलो चाय पीते हैं
नई सुबह .. अपनी अपनी जिंदगी बड़ी खुशगवारी से जीते हैं