वक्त है चलो
कुछ ख्याल उबालें
थोड़ी यादों की शक्कर डालें
कुछ अरमानों को कुटकर मिलाएं
कुछ उम्मीद का दूध डाल कर हिलाएं
कुछ बेताबी की इलायची सा महकाएं
कुछ पल तक उबलने दीजिए
अंदर के सैलाब को ठंडा कीजिये
बीते लम्हों की छन्नी में कुछ छान आएं
चलो आओ फिर चाय का लुत्फ उठाएं