मोहब्बत भरे दिलों में सोज़ भी है साज़ भी है,
लब खामोश भी है धड़कन की आवाज़ भी है।
नशीली आँखों के नशे में झूमने को बेताब हूँ,
जहाँ में मेरे लिए पाबन्दी-ए-परवाज़ भी है।
दुनिया मे मोहब्बत का एक ही अंजाम है दोस्तों,
अंजाम से बेखबर मोहब्बत का आगाज़ भी है।
गुलाबी लबों की खामोशी पे भरोसा करने वालो,
वही खामोशी में कहीं ग़म का गम्माज़ भी है।
झूठी हमदर्दी जताने वाले लोग बहुत मिलेंगे,
"पागल" उसमें कोई हमदम कोई हमराज़ भी है।
✍?"पागल"✍?
सोज़ - वेदना
साज़ - बजने वाला बाज़ा
पाबन्दी - मनाही
परवाज़ - उड़ान
अंजाम - नतीजा
आगाज़ - शुरुआत / आरंभ
गम्माज़ - चुगलखोर
हमदर्दी - सहानुभूति
हमदम - अंत तक साथ देने वाला
हमराज़ - रहस्य जानने वाला