*बहुत सुन्दर पंक्ति*
*जो मुस्कुरा? रहा है,*
*उसे दर्द ने पाला होगा..,*
*जो चल रहा है,*
*उसके पाँव में छाला होगा.,*
*बिना संघर्ष के इन्सान*
*चमक नहीं सकता, यारों.,*
*जो जलेगा उसी दिये में तो,*
*उजाला होगा...।*
*उदास होने के लिए उम्र पड़ी है,*
*नज़र उठाओ सामने ज़िंदगी खड़ी है*
*?? जय जिनेन्द्र ??*