आज मेरे देश के शहीदों को कुछ आभास नही था,
तिरंगे में लिपट कर लौटोगे ये एहसास नही था।
भारत माँ के शहीद सपूतो आपको शत शत नमन,
पुलवामा में काफिले पर हमला प्रथम प्रयास नही था।
सुरक्षा घेरों में लोगों से मिलने वाले नेता को क्या पता,
दोगले नेताओ को सैनिक के कार्य पर विस्वास नही था।
कल फिर राज नेता इन शहादत पर सियासत करेगा,
गद्दारों को निर्दोष कहने वालो के लिए फौजी खास नही था।
"पागल" देश के उन अमर शहीद जवानों को दोस्त,
अपनी मिट्टी अपने वतन से ज्यादा कोई इख्लास नही था।
✍?"पागल"✍?