जहाँ के लोगों में आज कल हमारा भी वजूद है,
नाम और काम तो है नही इसके बावजूद है।
प्रसिद्धि और शोहरत मांगने से तो मिलती नही,
हमारी किस्मत में ये सब मिलना भी जूद है।
बचपन से ही हमारे में पागलपन के गुण थे,
वही गुण हमारे अंदर आज तक मौजूद है।
जहाँ में इंसान को रहने की कोई जगह नही,
मरने के बाद रहने के लिए सब के ताबूद है।
आपकी दुआ और खुदा के करम से है सब,
दोस्तों "पागल" और कोई नही ये शायर खुद है।
✍?"पागल"✍?
वजूद - अस्तित्व
बावजूद - इतना होने पर भी
जूद - अचानक
मौजूद - हाजर
ताबूद - मृत शरीर रखने का संदूक
खुद - स्वयं