वक़्त एक दिन छीन कर हमको आप से ले जाएगा,
जिस्म से रूह और धड़कन दिल से ले जाएगा।
हाँ दुआ मांगी थी लेकिन ये तो सोचा भी ना था,
मौसम-ए-बरसात सब कुछ बहा के हम से ले जाएगा।
आज इस तितली को इन फूलों पे उड़ने दीजिये,
कल कोई झोंका हवा का फूल को बहार से ले जाएगा।
तू किसी अंधे कुएं में जाये तो ये जान ले,
साथ साथ मेरी भी ज़िन्दगी मुझ से ले जाएगा।
दूसरों के घर मे पत्थर फेंकने वाले ये सोच,
तू कैसे बचा कर अपना घर बस्ती से ले जाएगा।
शहर की सड़कों पे मेरे साथ मत निकलो अभी,
जो भी देखेगा उड़ा कर ये खबर जल्दी से ले जाएगा।
सर बुलंदी जिसका मनसब है वो झुक सकता नहीं,
"पागल" अपने कातिल को बड़ी इज़्ज़त से ले जाएगा।
✍?"पागल"✍?