"कोमल हूं कमज़ोर ना समझो
नारी ही शक्ति का आधार है,
सीता, दुर्गा और रज़िया का
मुझमें रूप अपार हैं,
आत्म सम्मान पर ना उंगली उठाना
चंडी का रूप मेरा विक्राल हैं,
ईश्वर की मैं सबसे सुंदर रचना
मुझे ही सिर्फ जननी का अधिकार है,
बोझ ना समझो स्नेह से देखो
मुझमें प्रेम अप्रम पार हैं,
"महिला दिवस की शुभ कामनाएं"