दुश्मन कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो और उसके पास कितना भी बड़ा सैन्य क्यों न हो फिर भी उसे हराया जा सकता है,
पर उसके लिए सामने वाले दुश्मन कि रग-रग से वाकिफ होना ज़रूरी है साथ ही उस पर वार कुछ पद्धति के तहत ही करना चाहिये अगर उसे रण में परास्त करना हो तब।
ये सब बातें इस लिए क्योंकि शिवाजी महाराज कहते थे दुश्मन से "डरा नहीं लड़ा जाता" है, और हम सबको पता है उनकी गुरीला युद्ध पद्धति के बारे में।
शिवजी महाराज को पराक्रमी योद्धा के साथ-साथ कुशल शासक, प्रशासक और नेतृत्वकर्ता के रूप में जाना जाता है।
आज उनकी जन्मतिथि के अवसर पर उनको शत-शत नमन।
जय भवानी, जय शिवाजी