कितना जहर है भरा हुआ



समय का ये खंड भोगना जरूरी था

वरना हम जान नहीं पाते

कि हमारे दिलों में एक-दूजे के खिलाफ

भरा हुआ है कितना जहर

नफरतों के इस दौर से उबरकर

जल्द हम प्यार के दीये जलाएंगे

बेशक एक दिन जरूर

खाच्चियाँ भर-भर के प्यार बरसाएंगे

Hindi Thought by Anwar Suhail : 111076372
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